अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने नवंबर 2020 में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 25 होनहार महिला क्रिकेटर्स को प्रोफेशनल कॉन्ट्रैक्ट दिया। लेकिन इससे पहले कि यह नयी टीम एक साथ खेल पाती, तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया और महिला क्रिकेट को पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा कर दी, जिससे इन क्रिकेटरों के सपने टूटते नजर आए। लेकिन, उनके हौसले ने उन्हें हार मानने नहीं दी।
कई खिलाड़ियों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इनमें से 21 खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में शरण लेने में सफल रहीं, जहां उन्होंने लोकल टूर्नामेंट में खेलना शुरू किया। हालांकि ये कोई असंभव के सबसे आसपास का प्रयास था। इन खिलाड़ियों की मदद में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर मेल जोन्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा। मेल जोन्स ने न केवल इन खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया में बसने में मदद की, बल्कि उन्हें स्थानीय क्रिकेट प्रतियोगिताओं में शामिल होने का अवसर भी प्रदान किया। उनकी इस पहल ने इन खिलाड़ियों के जीवन में नई उम्मीद जगाने का काम किया।
हालांकि महिला क्रिकेटर्स के ऑस्ट्रेलिया पहुंचने तक का सफ़र भी बहुत कठिन था। जब जोन्स इन खिलाड़ियों के संपर्क में आई तो उन्होंने मेलबर्न में अपने होटल के कमरे में ही एक ‘बैकयार्ड इमिग्रेशन ऑफिसर’ बना लिया और अफगान महिला क्रिकेटरों को वीजा दिलाने में मदद करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार के अधिकारियों से कॉन्टैक्ट करती रहीं।
खिलाड़ियों की लिस्ट बनाई गई और लिस्ट में शामिल सभी सदस्यों को अफ़गानिस्तान – पाकिस्तान बॉर्डर पर पूछताछ के दौरान झूठी कहानियाँ गढ़ने के लिए कहा गया था, इसके अलावा उनकी क्रिकेट जर्सी और क्रिकेट किट जलाने के लिए भी कहा गया था। यह इस यात्रा का शायद इसका सबसे तनावपूर्ण हिस्सा था। यह पूरा प्लान बिल्कुल सीक्रेट रखा गया था।
ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद, इन खिलाड़ियों ने अपने क्रिकेट करियर को फिर से शुरू किया। उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम यह रहा कि 30 जनवरी 2025 को मेलबर्न में एक मैच का आयोजन किया गया, जिसमें अफगानिस्तान महिला XI ने क्रिकेट विदाउट बॉर्डर्स XI के खिलाफ मुकाबला किया। इस मैच ने न केवल उनकी वापसी का संकेत दिया, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी दिया कि कठिनाइयों के बावजूद, हौसला और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के हेड निक हॉकली ने इन खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए कहा, “इनकी दृढ़ता और साहस प्रेरणादायक है। हमें गर्व है कि हम इनके सफर का हिस्सा बन सके।” उन्होंने यह भी कहा कि यह मैच अफगान महिलाओं के अधिकारों के लिए वैश्विक समर्थन बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
अफगानिस्तान की महिला क्रिकेटरों की यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि जब हौसले बुलंद हों, तो कोई भी मुश्किल राह पार की जा सकती है। उनकी कहानी दुनिया भर की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।