अक्षय तृतीया एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार हैं जो वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता हैं। अक्षय का मतलब होता हैं “अनंत।” इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य जैसे दान, जप, तप आदि कभी भी क्षय नहीं होता। इसे भारत में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता हैं।
अक्षय तृतीया से जुड़ी कई कथाएं हैं। इसी दिन महाभारत के लेखन की शुरूआत हुई थी। कहा जाता हैं कि इसी दिन भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। एक अन्य कहानी के मुताबिक, इसी दिन से त्रेतायुग का आगमन हुआ था। एक और कथा के अनुसार महाभारत काल में द्रौपदी को अक्षय पात्र प्रदान किया गया था।
अक्षय तृतीया के दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त देखने की ज़रूरत नहीं होती। यही वजह हैं कि ये दिन विवाह, उपनयन संस्कार, सोने की खरीदारी आदि के लिए बहुत शुभ माना जाता हैं। इस दिन दान का भी बहुत महत्व हैं।
लोग गरीबों को भोजन, कपड़े, जल और अन्य ज़रूरी चीज़ें दान देते हैं। आज के समय में भी अक्षय तृतीया का महत्व कम नहीं हुआ है। लोग आज भी इस दिन को शुभ कार्यों के लिए चुनते हैं और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। यह पर्व हमें दान, धर्म और शुभ कर्मों के महत्व को याद दिलाता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें अपने कर्मों के प्रति ईमानदार रहना चाहिए, क्योंकि उनका फल कभी न कभी मिलता ही है।
अक्षय तृतीया केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब हम समृद्धि और खुशियों को अपने जीवन में आमंत्रित कर सकते हैं। यह दिन हमें यह संदेश देता है कि हमें निरंतर अच्छे कर्म करते रहना चाहिए, जिनका फल हमेशा अक्षय रहता है।
The Fourth की ओर से सभी को अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं!