चंडीगढ़। पंजाब पुलिस ने प्रदेश भर में ड्रग्स के खिलाफ मुहिम चला रखी है। 67 गांव और 20 वार्ड की जनता साथ आ गई है। ड्रग्स बेचने वालों को समाज-निकाला देने की तैयारी की जा रही है। पंजाब पुलिस ने संगरूर और बरनाला में कल मुहिम चलाई थी। पटियाला रेंज के इन दोनों गांवों में नशा तस्करी को लेकर शिकायतें आती रहती हैं। पुलिस आईजीपी मुखविंदर सिंह चीना की निगरानी में चल रही इस मुहिम में कल पुलिस ने मार्च निकाला। गांवों में भारी पुलिस लगाई गई थी। स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने कहा कि पंजाब पुलिस नशे की सप्लाई तोडऩे के लिए नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिसमें गांववालों का साथ मिला। आठ केस दर्ज कर ग्यारह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। साठ संदिग्ध लोगों को भी पकड़ा है।
सैकडो ड्रग्स अड्डे
एसएसपी संगरूर सुरिंदर लांबा और एसएसपी बरनाला संदीप कुमार मलिक की निगरानी में बारह सौ से ज्यादा ड्रग्स के अड्डे चिन्हित कर पुलिस का पहरा बैठा दिया है। आईजीपी सुखविंदर सिंह ने दस पंचायतों की नशा विरोधी लड़ाई को सराहते हुए कहा है कि यदि पूरे पंजाब की सोच इसी तरह की हो जाएगी, तो जल्द हम नशे पर काबू पा लेंगे। पंजाब के अलावा यूपी में भी इस तरह की मुहिम चला कर ग्रीन आर्मी बनाई गई थी। यह नशे के खिलाफ काम करती है। इसमें यदि कोई नशा बेचते पकड़ा जाता है, तो उसे गांव-निकाला दे दिया जाता है।
महिलाओं की टोली
महिलाओं की टोली गांव में रोजाना निकलती है। सभी हरे रंग की साडिय़ां पहन कर गांव का चक्कर लगाती हैं। यहां के कुछ गांवों में शराब की दुकानें बंद कर दी गई हैं, क्योंकि बिक्री ही नहीं है। ग्रीन आर्मी को सरकार का भी साथ मिल चुका है। आदित्य नाथ सरकार के कई मंत्री ग्रीन आर्मी के साथ सड़क पर नजर आ चुके हैं। नशे पर जब से ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म बनी है, बताया गया है कि किस तरह युवा लड़के नशे में पड़ जाते हैं और राज्य में अपराध का ग्राफ आसमान छू रहा है। लोग इसके विरोध में आ रहे हैं।