विशाल भारद्वाज भारतीय हिन्दी फिल्म उद्योग बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध संगीतकार, गीतकार, स्क्रीनप्ले राइटर व निर्देशक हैं। विशाल की फ़िल्मोंग्राफी मे काफी वैरायटी देखने मिलती है लेकिन किताबों की अडॉप्टेशन का जो खास महारत उन्हें हासिल है वो उन्हें सबसे अलहदा बनाती है। विशाल ने अपना नया जॉनर बनाया है। इन दिनों उनकी सीरीज चार्ली चोपड़ा की खूब चर्चा है। अडॉप्टेशन में माहिर विशाल की यह सीरीज भी अगाथा क्रिस्टी की एक नॉवेल पर आधारित है। डायरेक्टर विशाल भारद्वाज एक नई वेब सीरीज लेकर आ रहे हैं, जिसका नाम है ‘चार्ली चोपड़ा एंड द मिस्ट्री ऑफ सोलंग वैली’। इसका ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है, जो बहुत ही ग्रिपिंग है और होश उड़ा देगा। यह वेब सीरीज अगाथा क्रिस्टी की ‘The Sittaford Mystery’ पर आधारित है जिसमें इस वेब सीरीज में नसीरुद्दीन शाह, गुलशन ग्रोवर, लारा दत्ता,रत्ना पाठक, नीना गुप्ता, विवान शाह और बेटा इमाद शाह भी है।
विशाल के सबसे पसंदीदा है शेक्सपियर
विशाल ने अपनी तीन फ़िल्मों मे शेक्सपियर के plays को अडॉप्ट किया है। सबसे पहले है ओमकारा अपनी साहित्यिक पृष्ठभूमि के कारण मैं विलियम शेक्सपियर का बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। जिन लोगों ने ओथेलो पढ़ा है, उन्हें विशाल भारद्वाज के भारतीय वर्जन ओमकारा के बारे में ज्यादा शिकायत नहीं होगी। यह फिल्म ग्रामीण उत्तर प्रदेश भारत में ओथेलो के आधुनिक रूपांतरण के रूप में बहुत अच्छी तरह से काम करती है। विशाल भारद्वाज ने इसे भारतीय दर्शकों के साथ भरोसेमंद बनाने के लिए सटीक चीजों का उपयोग किया है और जैसे ही फिल्म रिलीज हुई, लोग ओथेलो और शानदार कलाकारों के इस रूप की सराहना कर रहे थे, जिनके प्रदर्शन ने समझौता कर लिया।
मकबूल देखने के बाद आपको यह अंदाजा हो जायेगा कि विशाल भारद्वाज शेक्सपियर को पसंद करते हैं और हां, उनके ग्रंथों में त्रासदी कारक भी है। शाहिद कपूर की हैदर 1990 के दशक के अस्थिर दौर के विवादित कश्मीर क्षेत्र पर आधारित है। डेनमार्क से लेकर कश्मीर तक, विशाल जानते हैं कि शेक्सपियर के उपन्यास को भारतीय संदर्भ में कैसे पेश किया जाए। हाँ, हैदर इस मायने में थोड़ी अधिक विवादास्पद थी लेकिन लोगों को हेमलेट का यह संस्करण बहुत पसंद आया।
इसके अलावा विशाल ने रस्किन बॉन्ड की दो कहानियों को अपनी फिल्मों – द ब्लू अम्ब्रेला (2005) और 7 खून माफ (2011) के लिए रूपांतरित किया था। मशहूर लेखक का कहना है कि वह भारद्वाज के साथ दोबारा काम करना पसंद करेंगे और उन्हें यकीन है कि वे जल्द ही कुछ बनाएंगे।
खुद के आलस को बताया अडॉप्टेशन की तरफ झुकाव की वजह
भारद्वाज का झुकाव हमेशा से अडॉप्टेशन को लेकर रहा है। इस पर विशाल से जब हमने उनके अडॉप्टेशन को लेकर प्यार पर जानना चाहा, तो जवाब में वे कहते हैं, उसमें भारद्वाज का झुकाव हमेशा से अडॉप्टेशन को लेकर रहा है। इसी से जुड़े सवाल पर वो कहते है कि उसमें बनी बनाई कहानी मिल जाती है। मुझे बस अपना सेटिंग ढूंढना पड़ता है… किरदारों को अपना बनाना पड़ता है। इतना सारा कुछ लिखा हुआ है उसमें बनी बनाई कहानी मिल जाती है। मुझे बस अपना सेटिंग ढूंढना पड़ता है। किरदारों को अपना बनाना पड़ता है। इतना सारा कुछ लिखा हुआ है स्क्रिप्ट अच्छी लिख लेता हूं, डायलॉग्स भी अच्छे लिख लेता हूं। इसलिए अडैप्टेशन कर काम मेरा आसान हो जाता है। मैं थोड़ा आलसी आदमी हूं।