सिक्किम के उत्तरी क्षेत्र मे बुधवार सुबह अचानक बाढ़ आ गाई। लाचेन घाटी में बहने वाली तीस्ता नदी में आई इस बाढ़ ने राज्य के पूरे उत्तरी हिस्से मे तबाही मचा दी है। NH10 पर कई इलाके क्षतिग्रस्त हो गए है। कई जगह लैंडस्लाइड हुआ है, सड़कें, पुल और बांध सब बह गए हैं। साथ ही इसकी चपेट मे आकर 23 जवान लापता हो गए हैं। सेना ने लापता हुए जवानों की तलाश के लिए राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
क्या है बाढ़ के पीछे की वजह ?
पहले यह माना जा रहा था की यह तबाही सिक्किम के उत्तर में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आने की वजह से मची है। हालांकि, अब यह माना जा रहा है की इस तबाही के पीछे की वजह बादल का फटना नहीं है। बल्कि यह घटना बीती रात सिक्किम में ग्लेशियल लेक के फटने के कारण हुई है।
वैज्ञानिकों ने बताई असल वजह
मौसम विभाग के मुताबिक, सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदा के पीछे कारण इलाके में ग्लेशियर के निचले इलाकों में ग्लेशियर के पिघले पानी से बनी झीलों का फटना है। इस घटना को ‘ग्लेशियल लेक आउट बर्स्ट फ्लड’ (GLOF) भी कहा जाता है। सिक्किम के मंगन जिले के चुंगथांग शहर मे साउथ ल्होनक लेक है। जोकी ल्होनक ग्लेशियर पर बनी एक ग्लेशियल लेक है। इसी लेक के फटने से यह घटना हुई। साउथ ल्होनक झील सिक्किम के हिमालय क्षेत्र के उन 14 ग्लेशियल लेक्स में से एक है, जिनके फटने का खतरा पहले से था।
15-20 फिट बड़ा जलस्तर और बह गए जवान
बाढ़ की वजह से तीस्ता नदी का जलस्तर 15-20 फिट तक बड़ गया था। नदी से लगे इलाके में ही सेना का कैंप था, जो बाढ़ की चपेट में आने के बाद बह गया। इस वजह से आर्मी के 23 जवान लापता हो गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक हादसे के बाद सेना के लापता जवानों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।