भोपाल/ उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट सुर्खियों में है। वजह हैं राधेश्याम काकोड़िया, जो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे प्रत्याशियों की तरह वे न तो प्रचार कर रहे हैं और न ही जनता के बीच नजर आ रहे हैं। क्योंकि काकोड़िया अभी उमरिया जिला जेल में बंद हैं। जेल से ही उन्होंने अपना पर्चा दाखिल किया है। चुनाव से 6 महीने पहले ही काकोड़िया ने मानपुर में आमद दी थी। अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए उन्होंने बिजली, पानी, सड़क, विस्थापन और बस्ती विकास जैसे मूलभूत मुद्दों को उठाया और आंदोलन किए। राधेश्याम काकोड़िया जेल में हैं। उनके न तो होर्डिंग नजर आते हैं, न ही पोस्टर। समर्थक उनका प्रचार कर रहे हैं। वे घर-घर जाकर लोगों से मुलाकात भी कर रहे हैं।
सभाओं की अनुमति कोर्ट से मांगी
एक समर्थक ने बताया कि काकोड़िया ने प्रचार के लिए चार सभाओं की अनुमति कोर्ट से मांगी है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को फैसला लेने के लिए कहा है। साथ ही बाहर से उनकी सोशल मीडिया टीम उनके फेसबुक अकाउंट के जरिए लगातार प्रचार कर रही है। चुनाव संबंधी पोस्ट डाल रही है। 26 सितंबर को राधेश्याम काकोड़िया ने उमरिया जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था। उनके साथ करीब 10 हजार समर्थक मौजूद थे। प्रदर्शन का मुद्दा था- अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजना में घोटाला। काकोड़िया ने घोटाले के आरोप आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह पर लगाए थे। जिला मुख्यालय पर काकोड़िया और गोंगपा के कार्यकर्ताओं ने दिनभर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। शाम 5 बजे गोंगपा ने उनके नेतृत्व में रैली निकालने की तैयारियां कीं। इसी दौरान वहां पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने रैली निकालने की इजाजत नहीं दी थी। काकोड़िया ने भाषण देना शुरू कर दिया। भीड़ उग्र हो गई, पुलिस ने बल प्रयोग किया। पुलिस के एक्शन लेते ही आंदोलनकारी हिंसक हो गए और पुलिस से मारपीट की। इस घटना में एसपी, टीआई समेत 21 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। पुलिस ने हालात पर काबू पाते हुए राधेश्याम समेत 25 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया था। इस घटना के बाद से काकोड़िया जेल में बंद हैं।
पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
4 मार्च को मध्यप्रदेश राज्य बाल आयोग की टीम डिंडौरी जिले के जुनवानी गांव पहुंची थी। टीम ने गांव में चल रहे क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल ‘जेडीईएस’ का निरीक्षण किया था। बाल आयोग की टीम के सामने स्कूल की 8 छात्राओं ने शिक्षक और पादरियों के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने प्रिंसिपल समेत 4 टीचर्स पर कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। शिकायत करने वाली बच्चियों को वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था। गोंगपा प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते और राधेश्याम काकोड़िया वन स्टॉप सेंटर पहुंचे और हंगामा किया। बच्चियों को छोड़ने का दबाव बनाया। पुलिस ने सभी पर सरकारी काम में बाधा डालने, जान से मारने की धमकी समेत कई धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। इस मामले के 4 महीने बाद यानी जुलाई 2023 में गोंगपा ने काकोड़िया को पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता बना दिया।