मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के पिपलिया रसोड़ा गांव में बोरवेल में फंसी मासूम माही को आखिरकार सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। माही 5 दिसंबर देर शाम खेत में खेलते 30 फीट गहरे बोरवेल में करीब 17 फीट गहराई में गिर गई थी। जिसके बाद पूरे गांव में हड़कम्प मच गया था। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने X अकाउंट पर बच्ची को हर हाल में सुरक्षित निकालने का आश्वासन दिया था। वे लगातार जिम्मेदारों के संपर्क में थे।
10 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
इस हादसे की सूचना बच्ची के परिजनों ने पुलिस प्रशासन को दी थी। सूचना मिलते ही SDRF और SDRF की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू कर दिया था। करीब 10 घंटे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार मासूम माही को सुरक्षित निकाल लिया गया। मामले में MP धर्मराज मीना ने बताया कि, यह मामला बोदा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत पिपलिया रसोदा गांव का है। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने बोरवेल शाफ्ट के अंदर बच्ची को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई थी। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के पास ही सुरंग बनाकर देर रात करीब 2.30 बजे बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ऑफिशियल X पर कहा कि, वह स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हैं। उन्होंने लिखा, “SDRF, SDRF टीम और जिला प्रशासन की टीमें बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश कर रही हैं। मैं स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हूं। हम बच्ची को सुरक्षित बाहर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। वहीं नव नियुक्त विधायक मोहन शर्मा पूरे समय घटना स्थल पर ही बने रहे।”
रेस्क्यू के बाद भी बच्ची नहीं बच सकी
करीब 10 घंटे बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद माही को बोरवेल के 30 फीट गड्ढे से बाहर तो निकाल लिया गया। लेकिन मासूम बच्ची की हालत बहुत नाजुक हो गई, इसके बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत भोपाल की हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया। जहां उसकी जान नहीं बच सकी। बुधवार सुबह करीब 6 बजे माही ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बताया कि गले में सूजन और सांस लेने में तकलीफ के चलते माही ज्यादा देर तक सरवाइव नहीं कर सकी।
पहले भी कई बच्चे बोरवेल में गिरे
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बोरवेल में बच्चों के गिरने की ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी तमाम ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। पिछले तीन साल की बात करें तो 8 ऐसे मामले दर्ज किए जा चुके हैं। नवंबर 2020 में निवाड़ी में प्रहलाद बोरवेल में गिरा था। फरवीर में 2022 में उमरिया में बोरवेल में गौरव तो दमोह में प्रिंस गिरा था। दिसंबर 2022 में बैतूल में तन्मय गिरा था। साल 2023 की बात करें तो फरवरी में छतरपुर में नैंसी बोरवेल में गिर गई थी. मार्च में विदिशा में लोकेश गिर गया था। अप्रैल में रायसेन में आशीष बोरवेल में गिरा था, वहीं जून 2023 में सीहोर में सृष्टि बोरवेल में गिर गई थी।