गगनयान मिशन को लेकर जिस पल का इंतजार दुनिया को था, वह आज खत्म हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का खुलासा किया जिन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। यह चारों अंतरिक्ष यात्री देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का खुलासा किया। इसमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप, विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। पीएम मोदी ने अंतरिक्ष यात्रियों को पंख देकर उन्हें सम्मानित किया। चारों को बेंगलुरु में अंतरिक्ष में जाने के लिए ट्रेनिंग दी गई है।
क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान मिशन भारत का महत्वाकांक्षी मिशन है। इसे 2025 में लॉन्च किया जाएगा। इसका उद्देश्य ISRO की इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने और भारतीय क्षेत्रीय जल में उतरकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की क्षमता का प्रदर्शन करना है। अंतरिक्ष यात्रियों को 400 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में भेजना है और फिर उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाना है।
कैसे चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्री?
अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए आवेदन करने वाले बहुत से टेस्ट पायलटों में से, 12 लोगों को सितंबर 2019 में बेंगलुरु में हुए पहले चरण के चुना गया था। यह चयन भारतीय वायु सेना (IAF) के अधीन आने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) द्वारा किया गया था। कई चरणों के चयन के बाद, IAM और ISRO ने अंतिम 4 लोगों को चुना था। 2020 की शुरुआत तक, ISRO ने चारों को शुरुआती प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा, जो Covid-19 के कारण कुछ दिनों के बाद 2021 में पूरा हुआ। उसके बाद से चारों को कई एजेंसियों और सशस्त्र बल की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है। ISRO अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र (HSFC) को प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सिमुलेटरों से लैस करने पर काम कर रहा है। वह फिट रहने के लिए IAF के साथ नियमित रूप से उड़ान भरना जारी रखते हैं।
कब लॉन्च होगा गगनयान मिशन?
इसरो के गगनयान मिशन साल 2025 तक लॉन्च होगा। हालांकि इसके शुरुआती चरणों को इसी साल यानी 2024 तक पूरा किया जा सकता है। इसमें दो मानवरहित मिशन को अंतरिक्ष में भेजना शामिल है। जब ये मिशन सफल होंगे उसके बाद ही एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
इसरो का कहना है कि, यह मिशन सिर्फ एक तकनीकी छलांग नहीं है, बल्कि अंतरिक्ष खोजों में भारत की बढ़ती शक्ति का एक प्रमाण भी है।