केरल के वायनाड में तेज बारिश के चलते आज 4 अलग-अलग जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जिसमें घर, पुल, दुकानें, जानवर और गाड़ियां तक बह गईं है। अनुमान लगाया जा रहा है कि, अब तक 80 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर सामने आई है और लैंडस्लाइड की चपेट में आने से कई लोग घायल हुए हैं। अब भी 100 से ज्यादा लोगों के इस लैंडस्लाइड में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी खुलासा नहीं किया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) ने बताया कि अग्निशमन और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है। वहीं NDRF की एक अतिरिक्त टीम वायनाड जा रही है। इलाके के सीएमओ के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक नियंत्रण कक्ष खोला है और आपातकालीन सहायता के लिए 2 हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 जारी किए हैं।
केरल के पांच जिलों में अलर्ट जारी
राज्य सरकार ने 5 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों के लिए अलर्ट जारी हुआ है, उनमें कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कोझिकोड और मल्लपुरम शामिल है। इन जिलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
PM ने किया मुआवजे का ऐलान
पीएम मोदी ने वायनाड में भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। इसके अलावा घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा भी की गई है।
5 साल पहले भी लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुईं
वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है और 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी। जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी और 5 लोगों का आज तक पता नहीं चल पाया साथ ही 52 घर तबाह हुए थे।
हर साल लैंडस्लाइड में दबने से कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। सर्च ऑपरेशन कर लैंडस्लाइड में फंसे कई लोगों को कई बार जिंदा भी निकाल लिया जाता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर भूस्खलन में फंस जाने पर कोई व्यक्ति कितनी देर तक जिंदा रह सकता है? तो बता दें कि ये इस पर निर्भर करता है कि, उस व्यक्ति को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन मिल रहा है या नहीं। यदि लैंडस्लाइड में व्यक्ति दबा हुआ है और उसे ऑक्सीजन मिल रहा है तो वो 3-4 दिनों तक बिना खाना और पानी न मिलने पर भी जिंदा रह सकता है। लेकिन यदि व्यक्ति को बिल्कुल ऑक्सीजन नहीं मिल रहा हो तो उसकी मौत 5 मिनट के भीतर हो सकती है।