अपने शपथ ग्रहण के बाद से ट्रंप, एक्शन मोड में नज़र आ रहे है और एक के बाद एक फैसले लेते जा रहे है, जिसका अमेरिका पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसी सिलसिले में, अब ट्रंप आयकर, अर्थात इनकम टैक्स को हटाकर, उसकी जगह टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे है। इसके लिए सोमवार को उन्होंने फ्लोरिडा के डोरल में आयोजित रिपब्लिक इश्यूज कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी नागरिकों के लिए इनकम टैक्स हटाने का प्रस्ताव भी रखा। उनके मुताबिक, इससे नागरिकों की आय में बढ़ोतरी होगी।
अमेरिका फिर होगा सम्पन्न!
ट्रंप ने कहा कि यह अमेरिका के लिए फिर उसी प्रणाली में जाने का वक़्त है, जिसके कारण वह शक्तिशाली बना। ट्रंप ने आगे कहा, “अमेरिका फिर से समृद्ध बनने वाला है। 1913 से पूर्व, कोई इनकम टैक्स नहीं था, और इसी टैरिफ सिस्टम के कारण हम आर्थिक रूप से इतने सशक्त बने।” उन्होंने यह भी दावा किया कि 1870-1913 के बीच अमेरिका ने सर्वाधिक अमीरी देखी।
विदेशियों पर टैक्स लगाने का समर्थन
ट्रंप ने कहा कि हमें विदेशी राष्ट्रों पर टैरिफ लगाकर अपने नागरिकों को समृद्धि की ओर अग्रसर कर सकते है। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि विदेशी उत्पादों पर शुल्क लगाकर अमेरिका अपनी आर्थिक स्थिति और भी मज़बूत कर सकता हैं।
स्कॉट बेसेंट ने भी की वक़ालत
अमेरिकी ट्रेजर सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने भी ट्रंप के इस कदम का समर्थन किया है। उन्होंने लिखा कि वे ट्रेजर सेक्रेटरी के तौर पर आयकर को समाप्त करने और सोने पर आधारित मुद्रा अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम कर्ज़ कम करेंगे, वित्तीय गोपनीयता बहाल करेंगे और समृद्धि के लिए नई तकनीकों का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
अर्थशास्त्रियों ने चेताया!
ट्रंप भले ही आयकर खत्म कर, विदेशी लोगों व उत्पादों पर टैरिफ लगाने की बात कर रहे हो मगर अर्थशास्त्र के जानकारों के मुताबिक यह काम न तो सरल है और न ही फायदेमंद, जितना इसका प्रचार हो रहा है। उनके मुताबिक ट्रंप की योजनाओं से ब्याज दरें ऊंची हो सकती है तथा नए मुद्रास्फीति दबाव भी बन सकते है। इसके साथ ही घरेलू उत्पादों की कीमतों में इज़ाफ़ा होगा, यहां तक कि आम लोगों की नौकरियां भी जा सकती है।