देश की राजधानी दिल्ली हमेशा चर्चा में बनी रहती है। आए दिन यहां कोई न कोई घटना होती रहती है। ताज़ा मामला दिल्ली के आशा किरण होम का है जो एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस बार मामला रहस्यमयी हालात में हुई मौतों का है। पिछले महीने जुलाई में यहां 20 दिन के अंदर 13 लोगों की रहस्यमयी हालात में मौत हुई है। इसके बाद अब तक यहां मरने वाले बच्चों की संख्या 27 हो चुकी है। आशा किरण होम एक “मानसिक दिव्यांगों का घर” है।
पहले भी विवादों में आ चुका है आशा किरण होम
यह पहली बार नहीं है कि, आशा किरण होम का नाम विवादों में हो, इससे पहले भी रहस्यमयी हालात में मौतों के कारण चर्चा में रहा है। यहां हुई मौतों का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा हैं। दरअसल, आशा किरण में मानसिक रूप से कमजोर बच्चों की देखभाल की जाती है और एक अधिकारी ने बताया कि, मौजूदा समय में यहां क्षमता से अधिक बच्चे हैं।
बच्चों को नहीं मिलती प्रॉपर डाइट
आशा किरण होम में काम करने वाले एक वर्कर ने बताया कि, बच्चों को जो पहले सुविधा मिलती थी वह अब सुविधा नहीं मिलती है। अंदर के बहुत बुरे हालात हैं। ना ही बच्चों को प्रॉपर डाइट मिलती है। 4 साल पहले तक बच्चों को दूध, अंडा सब मिलता था लेकिन अब सब बंद कर दिया गया है। सिर्फ दाल-रोटी मिलती है। अंदर अभी भी कम से कम 20 से 25 बच्चों को TB की बीमारी है जिनका इलाज जारी है।
यहां इस साल लगातार हुई मौतें
जनवरी में 3, फरवरी में 2, मार्च में 3, अप्रैल में 2, मई में 1, जून में 3 और जुलाई में 13 मौत हुई हैं। जबकि साल 2023 में जनवरी से जुलाई के बीच ही कुल 13 लोगों की मौत हो चुकी थीं। हालांकि अब आशा किरण की प्रशासन इतने गंभीर विषय पर बात करने को तैयार नहीं है।
दिल्ली सरकार क्यो कुछ नहीं कर रही
राष्ट्रीय महिला आयोग NCW ने आश्रय गृह में एक टीम भेजी है और लापरवाही के लिए आप सरकार पर निशाना साधा है। NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, “सालों से दिल्ली सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह ने सारी आशा खो दी है। लोग इसमें पीड़ित हैं और मर रहे है लेकिन दिल्ली सरकार कुछ नहीं करती। हालांकि मैंने इसका संज्ञान लिया है और अपनी टीम को इसकी जांच के लिए भेजा है।”
आशा किरण आश्रय गृह में मौतों का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। बच्चों की मौत के मामले में दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री की तरफ से दिए गए आदेश में लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने को भी कहा गया है। अब देखना यह है कि, इस मामले में सरकार आरोपियों के खिलाफ क्या करवाई करेंगी?