कभी ऐसा हुआ है कि आप भरपेट खाना खा चुके हों, लेकिन जैसे ही गुलाब जामुन या चॉकलेट केक सामने आए, अचानक भूख फिर से जाग जाती है? अगर हां, तो आपको भी ‘Dessert Stomach’ है!
यह हमारे शरीर और दिमाग का एक मज़ेदार खेल है, जिसे विज्ञान भी मानता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है कि जब दाल-रोटी, बिरयानी या पिज्जा के लिए हमारे पेट में जगह नहीं बचती, तब भी मिठाई आराम से समा जाती है? आइए, जानते हैं इसके पीछे की रोचक वजहें!
क्या होता है Dessert Stomach?
Dessert Stomach का मतलब है कि हमारा पेट भले ही भर चुका हो, लेकिन जैसे ही कुछ मीठा सामने आता है, दिमाग उसे खाने के लिए उत्साहित हो जाता है। यह सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं है, बल्कि जानवरों में भी यह देखा गया है कि वे मीठा खाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन इंसानों के साथ यह ज्यादा होता है क्योंकि हम खाने को सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि स्वाद और खुशी के लिए भी खाते हैं।
क्यों होती है मीठे की अलग भूख?
1. Sensory-Specific Satiety: जब हम एक ही तरह का खाना खाते हैं, तो हमारे स्वाद को उसी का अहसास होता है, लेकिन जब कोई नया स्वाद आता है, जैसे कि मिठाई, तो दिमाग फिर से active हो जाता है।
2. Dopamine का खेल: जब हम मीठा खाते हैं, तो हमारा दिमाग ‘feel good’ hormone Dopamine रिलीज करता है, जिससे हमें खुशी और संतुष्टि महसूस होती है। यही कारण है कि लोग उदासी, स्ट्रेस या थकान में चॉकलेट, आइसक्रीम या केक खाना पसंद करते हैं।
3. पेट में ‘मीठे के लिए अलग जगह’ का भ्रम: वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा शरीर अलग-अलग तरह के खाने को अलग तरीके से पचाता है। भारी खाना ज्यादा जगह घेरता है, लेकिन मिठाई जल्दी घुल जाती है। इस वजह से दिमाग को लगता है कि पेट भले ही भर गया हो, लेकिन मीठे के लिए अभी भी जगह है!
4. संस्कृति और आदतों का असर: भारत में हर बड़े खाने के बाद मीठा खाने की परंपरा है, खाने के बाद रसगुल्ला, हलवा, गुलाब जामुन या मिष्टी दोई! बचपन से ही हम यह सीखते हैं कि खाना खत्म करने का सही तरीका मीठा खाना है। यही कारण है कि हमारा दिमाग इसे जरूरी मानने लगता है।
क्या ‘Dessert Stomach’ को control किया जा सकता है?
अगर आप अपने मीठे खाने की आदत को control करना चाहते हैं, तो ये तरीके मदद कर सकते हैं:
• मीठे की जगह फल खाएं, ताकि प्राकृतिक शुगर से ही संतुष्टि मिले।
• धीरे-धीरे खाएं, ताकि दिमाग को यह signal मिले कि पेट भर चुका है।
• खाने के तुरंत बाद ब्रश कर लें, जिससे मिठाई खाने की craving कम हो जाए।
• प्रोटीन और फाइबर युक्त खाना खाएं, जिससे लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी।
‘Dessert Stomach’ हमारे शरीर और दिमाग की एक अनोखी और दिलचस्प प्रतिक्रिया है। यह दिखाता है कि भोजन सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि आनंद लेने के लिए भी होता है। तो अगली बार जब आपका पेट पूरा भर जाए लेकिन फिर भी मिठाई खाने का मन करे, तो इसे enjoy करें क्योंकि यह बिल्कुल सामान्य है! बस, balance बनाए रखें और मीठे का मज़ा उठाएं!