नवंबर 2024 के पहले सप्ताह में, वैश्विक राजनीति में दो प्रमुख घटनाओं ने विश्व परिदृश्य को हिला कर रख दिया। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव में जीत और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा उन्हें बधाई देने के साथ-साथ यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत की पहल ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नए आयाम जोड़े।
6 नवंबर 2024 को, डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस को हराकर एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की। यह जीत उनके राजनीतिक करियर की एक महत्वपूर्ण वापसी मानी जा रही है, विशेषकर पिछले चुनावों में हार और विभिन्न विवादों के बाद। ट्रंप की इस जीत ने अमेरिकी राजनीति में नए समीकरण स्थापित किए हैं।
ट्रंप की जीत के तुरंत बाद, 7 नवंबर 2024 को, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सार्वजनिक रूप से उन्हें बधाई दी। सोची में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर पुतिन ने कहा, “मैं इस अवसर पर उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर बधाई देना चाहता हूं।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ट्रंप ने रूस के साथ संबंध सुधारने और यूक्रेन संकट को समाप्त करने की इच्छा व्यक्त की है, जो ध्यान देने योग्य है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बढ़ती नज़दीकियों ने वैश्विक राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। इस समीकरण से चीन विशेष रूप से चिंतित है, क्योंकि यह उसके रणनीतिक हितों को प्रभावित कर सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने की योजना पर अमेरिकी ‘रिवर्स निक्सन’ रणनीति पानी फेरती नज़र आ रही है।
पुतिन ने अपने बयान में ट्रंप के साहस की प्रशंसा की, विशेषकर जुलाई 2024 में पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान उन पर हुए हत्या के प्रयास के संदर्भ में। पुतिन ने कहा, “मेरी राय में उन्होंने बहुत सही बर्ताव किया। एक असली आदमी की तरह साहस दिखाया।” इस प्रशंसा के साथ, पुतिन ने रूस-अमेरिका संबंधों में सुधार की संभावना पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि रूस, अमेरिका के साथ संबंध सुधारने के लिए तैयार है, लेकिन यह अमेरिका के नए नेतृत्व पर निर्भर करेगा कि वे किस दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
ट्रंप की जीत के बाद, रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए वार्ता की संभावनाएं बढ़ गई हैं। पुतिन ने संकेत दिया है कि वे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की सहित किसी से भी बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार हैं। इस पहल से यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीदें बढ़ी हैं।
ट्रंप और पुतिन के बीच बढ़ती नजदीकियां वैश्विक राजनीति में नए समीकरण बना सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से रूस-अमेरिका संबंधों में सुधार हो सकता है, जिससे यूक्रेन संकट का समाधान संभव है। हालांकि, यह भी देखा जा रहा है कि ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति और नाटो के प्रति उनके दृष्टिकोण से यूरोपीय देशों में चिंताएं बढ़ सकती हैं।
ट्रंप और पुतिन के बीच मजबूत होते रिश्तों ने चीन की विदेश नीति के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। रूस और चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अपने संबंधों को मजबूत किया था। हालांकि, ट्रंप के रूस के प्रति नरम रुख और पुतिन के साथ घनिष्ठ संबंधों ने इस समीकरण को बदल दिया है। ट्रंप ने पुतिन के साथ सीधी शांति वार्ता शुरू की है, लेकिन यह विवादास्पद है क्योंकि वह यूक्रेन की स्वीकृति या भागीदारी के बिना ऐसा कर रहे हैं। इससे चीन की रूस के साथ साझेदारी पर असर पड़ सकता है, क्योंकि रूस अब अमेरिका के करीब आता दिख रहा है।
शी जिनपिंग ने रूस के साथ आर्थिक और सामरिक संबंधों को गहरा करने के लिए कई पहलें की हैं, जिसमें ऊर्जा समझौते और सैन्य सहयोग शामिल हैं। हालांकि, ट्रंप और पुतिन की बढ़ती मित्रता ने शी की इन योजनाओं को चुनौती दी है। यदि रूस और अमेरिका के बीच संबंध सुधरते हैं, तो रूस चीन के साथ अपने संबंधों पर पुनर्विचार कर सकता है, जिससे चीन की रणनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
रिवर्स निक्सन’ रणनीति का संदर्भ 1970 के दशक में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की चीन के साथ संबंध सुधारने की नीति से है, जिसका उद्देश्य सोवियत संघ को संतुलित करना था। वर्तमान में, ट्रंप प्रशासन इस रणनीति को उलटते हुए रूस के साथ संबंध सुधारने का प्रयास कर रहा है ताकि चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित किया जा सके। इस रणनीति के तहत, अमेरिका रूस के साथ सहयोग बढ़ाकर चीन को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है।
चीन ने इस बदलते परिदृश्य में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। चीन ने रूस के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए उच्च-स्तरीय वार्ताओं और समझौतों की पहल की है। इसके अलावा, चीन ने अन्य देशों के साथ भी अपने आर्थिक और सामरिक संबंधों को गहरा करने का प्रयास किया है ताकि अमेरिकी रणनीति का मुकाबला किया जा सके।
हालांकि, ट्रंप की अप्रत्याशित नीतियाँ और रूस के साथ उनके घनिष्ठ संबंध चीन के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। भविष्य में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि चीन किस प्रकार अपनी विदेश नीति को समायोजित करता है और इस नई वैश्विक शक्ति संतुलन में अपनी स्थिति को मजबूत करता है।
अंततः, ट्रंप और पुतिन की दोस्ती और ‘रिवर्स निक्सन’ रणनीति ने वैश्विक राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दिया है, जिससे चीन की विदेश नीति और रणनीतिक योजनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
भारत के संदर्भ में, रूस और अमेरिका के बीच संबंधों में सुधार से नई दिल्ली के लिए कूटनीतिक अवसर और चुनौतियां दोनों उत्पन्न हो सकती हैं। भारत को अपने रणनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए इन परिवर्तनों के प्रति सतर्क रहना होगा।
नवंबर 2024 के इस सप्ताह ने वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों की नींव रखी है। ट्रंप की वापसी और पुतिन की सकारात्मक प्रतिक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नए संभावनाओं के द्वार खोले हैं, जिनका प्रभाव आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से देखा जाएगा।