यदि भारतीय इतिहास के सबसे controversial लोगों की बात की जाए तो उसमें मुगल बादशाह औरंगज़ेब का नाम ज़रूर होगा। आज भी उसका नाम नए-नए विवादों को जन्म दे ही देता हैं। और इस बार महाराष्ट्र के सबसे प्रमुख शहरों में से एक नागपुर औरंगज़ेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद में हिंसा की आग में झुलस गया।यहां महाल में कुरान जलाने की झूठी खबर फैलने से दो पक्षों में जमकर विवाद हुआ। इस दौरान कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा, JCBs को आग के हवाले कर दिया गया और जमकर पत्थरबाज़ी भी हुई। पुलिस इस मामले में अब तक तकरीबन 50 लोगों को हिरासत में ले चुकी हैं।
सोमवार सुबह महाल में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिव जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था। इस कार्यक्रम के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान protestors ने औरंगज़ेब की तस्वीर और घास से भरे कपड़े को प्रतीकात्मक कब्र बताते हुए जला दिया।
जलाने वाले समेत कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद ये अफवाह फैल गई कि protestors ने कुरान जलाकर उसका अपमान किया हैं। बस फिर क्या था। शाम 5 से 7 बजे के बीच मुस्लिम समुदाय के युवक इलाके में इकठ्ठा होकर नारेबाज़ी करने लगे। कुछ युवक हिंसक होकर पुलिस पर पथराव भी करने लगे।
पुलिस पर पत्थरबाज़ी करने के बाद भीड़ ने गाड़ियों में आग लगाई और कुछ दुकानों को भी नुकसान पहुंचाया। उपद्रव करने वालों ने चिटनिस पार्क और महाल इलाके में कई घरों पर पत्थर भी फेंके। 40 से ज़्यादा गाड़ियां आग के हवाले करने की खबर हैं। इनपर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात हैं।
हिंसा फैलाने के आरोप में 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं। वहीं 30 पुलिसकर्मी और 10 से ज़्यादा आम नागरिक भी घायल हुए हैं। महाराष्ट्र पुलिस की सायबर ब्रांच ने अफवाह फैलाने वाले 100 से ज़्यादा social media accounts की जांच शुरू कर दी हैं। गणेशपेठ, नंदनवन, शांतिनगर, यशोधरानगर, कपिलनगर, लकड़गंज और इमामबाड़ा जैसे इलाकों में curfew लगा दिया गया हैं।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री और नागपुर से सांसद श्री नितिन गडकरी ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने को कहा हैं। उन्होंने लोगों को ये भरोसा दिलाया हैं कि उन लोगों पर कड़ी कार्यवाही होगी जो इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल हैं।
इस हिंसा के बाद अलग अलग तरह की बयानबाज़ियां भी शुरु हो गई हैं। मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस के मुताबिक ये हिंसा पहले से ही तय लग रही थी। साथ ही उन्होंने हाल ही में release हुई फिल्म “छावा” का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस फिल्म ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया हैं। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो लोग अब भी औरंगज़ेब का गुणगान कर रहे हैं वे देशद्रोही हैं और ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं आदित्य ठाकरे ने तो यहां तक कह दिया कि भाजपा महाराष्ट्र को मणिपुर जैसा बनाना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई हैं और खुद मुख्यमंत्री का गृहनगर नागपुर भी इसका सामना कर रहा हैं।
समाज में शांति बनाए रखने के लिए ये ज़रूरी हैं कि लोग सभी तरह की अफवाहों से बचे और एक दूसरे के विचारों का सम्मान करें। इस तरह के विवादों से बचने के लिए सरकार कारगर कदम उठाएं ताकि आगे चलकर इस तरह की हिंसा को रोका जा सकें।