G20 शिखर सम्मेलन से पहले तैयार किए गए विश्व बैंक के दस्तावेज ने मोदी सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख उपायों और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी (Digital public Infrastructure DPI) ढांचे परिदृश्य को आकार देने में सरकार की नीति और विनियमन की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया जो वित्तीय समावेशन से कहीं अधिक है।अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थान ने एक दस्तावेज में भारत की सराहना करते हुए कहा कि जो मोदी सरकार ने छह साल में जो हासिल किया है, उसे करने में 50 साल लग जाते।
प्रधानमंत्री जन धन योजना।
2014 में लॉन्च के बाद से, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के पहले वर्ष में, पीएम जनधन योजना खातों की संख्या 14.72 करोड़ से बढ़कर जून 2022 तक 46.2 करोड़ हो गई है; इन खातों में से 56% महिलाएं हैं, जो 26 करोड़ से अधिक हैं।प्रधानमंत्री जन धन योजना वित्तीय समावेशन और जो बैंकों से जुड़े नहीं थे उन्हें जोड़ने का राष्ट्रीय मिशन – कार्यान्वयन के नौ साल पूरे कर चुका है। यह पहले 2014 में लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित की गई थी। बाद में उन्होंने 28 अगस्त 2014 को इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
UPI ने दी रफ्तार।
यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत का मोबाइल-आधारित तेज भुगतान प्रणाली है, जो ग्राहकों को एक आभासी भुगतान पते (VPA) का उपयोग करके, 24 घंटे, हर दिन भुगतान करने में सक्षम बनाता है, जिसे ग्राहक द्वारा बनाया जाता है। UPI भुगतान प्रणाली भारत में खुदरा डिजिटल भुगतान के लिए बेहद लोकप्रिय हो गई है, और इसका प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है।
अन्य देशों को भी लाभ
भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण जोर यह सुनिश्चित करना रहा है कि UPI के लाभ केवल भारत तक ही सीमित न हों, बल्कि अन्य देश भी इससे लाभान्वित हों । अब तक, श्रीलंका, फ्रांस, यूएई और सिंगापुर ने उभरते फिनटेक और भुगतान समाधानों पर भारत के साथ हाथ मिलाया है।