दुंबई में चल रहे संयुक्त राष्ट्र के जलवायु सम्मेलन (COP-28) के दौरान एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे देखकर पूरी दुनिया हैरान रह गई है। एक 12 साल की भारतीय लड़की अपने हाथ में पोस्टर लेकर COP-28 के मंच पर चढ़ गई और फोस्सिल फ्युल को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगी है। इस दौरान उनसे मंच पर बैठे विश्वभर के जलवायु प्रतिनिधियों के सामने अपनी बात रखी और धरती एवं हमारे भविष्य को बचाने की गुहार लगाई।
दुबई में आयोजित यूएन जलवायु सम्मेलन में फोस्सिल फ्युल को लेकर मंथन चल रहा है। इस सम्मेलन में 200 देशों से करीब 60 हजार से ज्यादा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। इस वैश्विक मंच पर अचानक से भारतीय जलवायु कार्यकर्ता लिसिप्रिया कंगुजम पहुंच गई। हाथों में पोस्टर लिए वह मंच पर ही दौड़ने लगी और चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगी कि, “फोस्सिल फ्युल खत्म करो… फोस्सिल फ्युल खत्म करो”।
लिसिप्रिया कंगुजम के पोस्टर में लिखा था- “हमारे ग्रह यानी धरती और हमारे भविष्य यानी बच्चों के भविष्य को बचाओ”। इसलिए जल्द-जल्द फोस्सिल फ्युल को समाप्त कर देना चाहिए। जबतक मंच पर उसे निकालने के लिए सुरक्षा अधिकारी पहुंचे तबतक उसने फोस्सिल फ्युल के विरोध में एक भाषण भी दिया, जिसे सुनकर सम्मेलन में शामिल प्रतिनिधियों ने तालियां भी बजाई थीं। लिसिप्रिया कंगुजम ने इस विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो पर ट्वीट किया है और लिखा है कि इसके बाद मुझे करीब आधे घंटे तक हिरासत में रखा गया।
यह 12 वर्षीय लड़की भारत के मणिपुर की रहने वाली है और वह द चाइल्ड मूवमेंट की संस्थापक है। जलवायु संकट को लेकर आवाज उठाने वाली सबसे कम उम्र की कार्यकर्ता लिसिप्रिया कंगुजम ने साल 2019 में स्पेन के मैड्रिड में आयोजित COP25 में वैश्विक नेताओं को संबोधित किया था। इसे लेकर उसे कई पुरस्कार और सम्मान भी मिले हैं। वैश्विक क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग से लिसिप्रिया कंगुजम प्रेरित है।