हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट को अभी कोई भुला नहीं पाया है। इसके जख्म अभी भरे नही है। शहर में पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ित परिवार भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। हरदा के घंटाघर चौक पर पीड़ित और उनके समर्थन धरना दे रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि, जीवनभर की पूंजी खत्म हो गई, प्रशासन ने उन्हें सवा लाख रुपए दिए हैं। इतने पैसे में वे अपना घर कैसे बनाएं।
पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ित सरकार से नाराज़ है। उनका कहना है कि, प्रशासन ने उन्हें सही मुआवजा नहीं दिया। महिलाओं ने दोषी अफसरों पर केस दर्ज करने की मांग की है। सर्व समाज के लोगों का कहना है कि, प्रभावितों को सही मुआवजा नहीं दिया गया। घायल लोगों को सिर्फ 5 हजार की राशि दी गई है। वहीं दूसरी तरफ धरना दे रही तीन महिलाओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हालाँकि, कुछ लोगों ने शनिवार शाम को धरना खत्म किया कुछ लोगो का जारी हैं। वह धरना खत्म करने के बाद हरदा कलेक्टर से मिलने पहुंचे। उनका कहना है कि, प्रशासन ने उनकी सभी मांगें मान ली हैं। इसके चलते वह अपना धरना खत्म कर रहे हैं। पीड़ित परिवार ने कहा कि, “प्रशासन ने हादसे में मृतक के परिजनों को 15 लाख और घायलों को 5-5 लाख रुपए देने का भरोसा दिलाया है। साथ ही क्षतिग्रस्त मकानों का बाजार मूल्य के हिसाब से मुआवजा देने की बात कही है।”
पीड़ितों की मांग है कि, “मृतकों के परिजनों को 15 लाख और घायलों को 5 लाख मुआवजा दिया जाए। जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनके निर्माण की बाजार भाव से लागत मिले। विकलांगों और मृतकों के परिजन को रोज़गार मिले। ज़िम्मेदार अधिकारियों की निशानदेही कर के उनके खिलाफ केस दर्ज करें और साथ ही प्रशासनिक अपराधों का भी केस दर्ज किया जाए। एसआईटी और फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन हो। जिसमें फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज द्वारा हो और पीड़ितों की तरफ़ से प्रतिनिधि शामिल हों।” इसके अलावा भी कई मांगें पीड़ितों ने रखी हैं।