भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल में एक NGO के चिल्ड्रन होम से बच्चों के गायब होने का मामला सामने आया है। भोपाल के तारा सेवनिया के इलाके में बिना अनुमति के संचालित हो रहे चिल्ड्रन होम से एक लड़का और 26 बच्चियां गायब हो गईं हैं। मामला सामने आने के बाद परवलिया पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई हैं। वहीं, राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लिया है। बताया जा रहा है कि इसमें 68 बच्चियों के रहने की एंट्री है, लेकिन यहां मात्र 41 बच्चियां मिलीं हैं। मामले की जांच की जा रही है।
चिल्ड्रन होम में कई राज्यों की बच्चियां
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को पत्र लिखा है। आयोग ने CM से सात दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने 6 दिसंबर को आंचल मिशनरी संस्था द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम का निरीक्षण किया। चिल्ड्रन होम में सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट के अलावा गुजरात, झारखंड और राजस्थान की बच्चियां भी रहती हैं। NGO संचालक ने भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में ‘आंचल’ नाम से चिल्ड्रन होम बनाया है।
कहां से मिलता है संस्था को फंड
जानकारी के मुताबिक, यहां के संचालक अनिल मैथ्यू ने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए उनको अपने चिल्ड्रन होम में रखा है। लेकिन उन्होंने बिना सरकार को सूचना दिए ऐसा किया। इसके अलावा वे बच्चियों से ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवा रहे थे। संस्था को जर्मनी से फंड मिलता है। बताया जा रहा है कि, 6 साल से 18 साल तक की 40 से ज्यादा लड़कियों में अधिकांश हिंदू हैं।
CWC के सामने नहीं किया पेश
मध्यप्रदेश सरकार ने एक NGO को चाइल्ड हेल्प लाइन पर आने वाली शिकायतों को सुनने और मुश्किल में फंसे बच्चों को रेस्क्यू करने का काम सौंपा हुआ है।
चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर आए डिस्ट्रेस और मुश्किल में फंसे बच्चों के कॉल के आधार पर NGO के कर्मचारियों ने साल 2020 से रेस्क्यू शुरू किया था। भोपाल की बाल कल्याण समिति (CWC) के सामने पेश करने के बजाय इस संस्था ने बच्चों को सीधे चिल्ड्रन होम में रखा। नियम के मुताबिक, CWC के सामने पेश कर, उन्हें बालिका गृह में भेजा जाना था।
शिवराज सिंह ने की जांच की मांग
वहीं इस मामले के सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने X पर लिखा कि, “भोपाल के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित बालगृह से 26 बालिकाओं के गायब होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार से संज्ञान लेने और त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।”