अगर आपको कोई अपराधियों को अपना वोट देने के लिए कहे, तो क्या आप उन्हें वोट देंगे? जाहिर है नहीं। लेकिन अगर आपको पता चले कि आप अप्रत्यक्ष रूप से एक अपराधी को ही देश चलाने के लिए वोट कर रहे हैं तो? यकीनन आप चौंक जायेंगे। लेकिन असल में ऐसा ही हो रहा है। चुनाव के पहले चरण के 16% प्रत्याशियों पर अपराध के मामले दर्ज हैं। गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने कल अपनी एक रिपोर्ट साझा की है जिसमें उसने बताया है कि, 1618 प्रत्याशियों में से 252 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से 161 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा हुई हैं।
इन 252 उम्मीदवारों में से 7 उम्मीदवारों पर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं। 35 पर नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले दर्ज हैं, 19 पर हत्या के प्रयास के मामले और 18 पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले दर्ज हैं। इन 18 मामलों में से एक पर बलात्कार से संबंधित मामला भी दर्ज है।
किस पार्टी में है कितने प्रतिशत अपराधी?
ADR की रिपोर्ट के अनुसार द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) में सबसे ज्यादा अपराधी उम्मीदवार शामिल हैं। DMK के 22 में से 13 यानी (59%) उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हैं। इसके बाद कांग्रेस के 19 यानी 34% उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के चारों उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हैं। समाजवादी पार्टी के 7 में से 3 यानी (43%), तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 5 में से 2 (40%), भारतीय जनता पार्टी के 77 में से 28 (36%), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के 36 में से 13 (36%) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के 86 में से 11 (13%) उम्मीदवारों पर मामले दर्ज हैं।
ADR ने निर्वाचन क्षेत्र को घोषित किया “रेड अलर्ट”
ADR ने पहले चरण में मतदान करने वाले 102 निर्वाचन क्षेत्रों में से 42 से 41% क्षेत्रों को “रेड अलर्ट” घोषित किया है। किसी निर्वाचन क्षेत्र को “रेड अलर्ट” तब घोषित किया जाता है, जब उस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे 3 या उसे अधिक उम्मीदवारों के हलफनामों में आपराधिक मामलों की घोषणा की हो।